एक जानने वाले के साथ बैठने का मौका मिला । वो भाई साहब एक वामपंथी संगठन से जुड़े हुए हैं। मुंबई हमले की चर्चा होने लगी।
-"रौशन भाई ये मोसाद का काम है" उन्होंने फ़रमाया
इन वामपंथियों की कुछ बातें हमें हमेशा से समझ में नही आती रही हैं ये हमेशा दूर की ही सोचते हैं नजदीक दिख रही चीजों पर गौर ही नही करते।
-पर सबूतों का इशारा तो पकिस्तान की खुफिया एजेंसी की तरफ़ जाता दिख रहा है
हमने प्रतिकार करने की कोशिश की।
- आप नही जानते मोसाद को ये कुछ भी करा सकती है।
उन्होंने हमें बताया
-लेकिन मेरे भाई एक आतंकी पकड़ा भी गया है पता चल रहा है कि उसने कुछ चीजें ऐसी बताई भी हैं जिससे लश्कर और ऐसे ही संगठनो की बात सामने आई है।
- ये कांग्रेस सरकार नाकारा है
हमने उनकी इस सूचना को ग्रहण किया और पूछा
-अगर ये मोसाद का काम था तो उसने नरीमन हॉउस पर हमला क्यों बोला ? यहूदियों को क्यों मारा ?
- सहानुभूति बटोरने के लिए रौशन भाई जिससे वो अरबों के ख़िलाफ़ कार्यवाही जारी रख सके
हम उनके कुतर्कों से बोर हो गए थे।
-अगर उन्हें अरबो के ख़िलाफ़ कार्यवाही ही जारी रखनी थी तो वहीँ जारी रख सकते थे। वैसे भी मोसाद सहानुभूति के चक्कर में नही पड़ती वो जो मन आता है करती जाती है नृशंसता से ।
- इसमे मोसाद और सी आई ए की मिलीभगत है
उन्होंने जाते जाते कहा ।
एक भाई से बात हुई वो दक्षिणपंथी थे ।
- ये हिन्दुओं पर अत्याचार का बदला है तभी तो करकरे मारा गया ।
-लेकिन हिन्दुओं का बदला लश्कर क्यों ले रहा है? क्या कोई ताजा समझौता हुआ है ?
- रौशन जी आप कैसी बातें करते हैं उनके साथ हमारा समझौता क्यों होगा?
- तो आप क्यों कह रहे हैं ये हिन्दुओं पर अत्याचार का बदला है? वैसे करकरे पर हमला नही हुआ मुंबई पर हमला हुआ है और करकरे वहां अपनी ड्यूटी करे गए थे उनका सीधे फ्रंट पर जाना जरूरी नही था। और अकेले करकरे की मौत नही हुई है आंकडा दो सौ के पार हो गया है वो सब तो हिन्दुओं के विरोधी नही थे?
वो थोडी देर और बातें करते रहे फ़िर थोडी देर बाद उनके मुह से निकला
- ये हमारे संतो का तेज है
हम भी बोर हो गए।
एक भाई को हमने बताया कि ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि आतंकी गुजरात के पोरबंदर से बोट से आए थे वो लगे केन्द्र सरकार और मीडिया को गाली देने बोले ये मोदी को फंसाने की साजिश है वो गुजरात से कैसे आ सकते हैं । ये झूठ है
हमने उन्हें शांत किया कि समुद्री रास्तों कि जिम्मेदारी राज्य सरकार की नहीं केन्द्र सरकार की होती है।
अब वो थोड़ा रिलैक्स हुए और जब पाया कि मोदी और गुजरात सरकार सकुशल है तो लगे हाथ पकिस्तान को गाली देना शुरू किया ।
एक कांग्रेसी से बात हुई । वो भी नाराज थे । हमने उन्हें बताया कि गृह मंत्री ने कहा है कि ऐसी छोटी छोटी घटनाएं होती रहती हैं।
- नही यार माना वो नाकारा हैं लेकिन ऐसा बयान कैसे दे दिया । ये मीडिया की बनाई बात है । वो मीडिया पर बरसते रहे और शिवराज पाटिल को गाली देते रहे कांग्रेस को नीचा दिखने के लिए।
हमने उन्हें बताया कि ये महारास्ट्र के गृह मंत्री का बयान है देश के नही।
वो भी रिलैक्स हो गए। वो शरद पवार का चमचा और कह ही किया सकता है उसे हटा देना चाहिए ।
वो उदास ही रहे
- इस चक्कर में विधान सभा चुनावों में हमें परेशानी आ गई । कितना अच्छा जा रहा था । भाजपा का चरित्र देखिये ऐसे मुद्दे का भी राजनैतिक फायदा उठा रहे हैं।
- अब आप कमी रखोगे तो विपक्ष फायदा क्यों न उठाये । इसमे ग़लत क्या है उन्हें मुद्दा मिला है।
- फ़िर भी यार कुछ तो लिहाज करना चाहिए। मुझे तो शक है .....
हम फ़िर बोर हो गए थे । चल पड़े।
चलते- चलते:- दिनभर लोगों के पास मेल्स आते रहते हैं । हम ९ सालों से इन्टरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं तमाम मेल पढने को मिलते हैं । भाई लोग करते क्या हैं कि वो मेल आगे अपने मित्रों के पास भेज देते हैं बिना सत्यता जांचने की कोशिश किए। अब भाई लोग उसे अपने ब्लॉग पर भी डालने लगे हैं। कुछ भाई तो जनहित में हिन्दी में अनुवाद काके देशसेवा करते हैं। पर बिना तथ्य जाने । मजे की बात तो ये है की हमारी हिन्दी के बड़े बड़े नामों वाले और अपने ब्लॉग से बुद्धिमान दिखने वाले ब्लॉगर बंधुओं की भी आँखें ऐसे ब्लॉग पोस्ट पढ़ कर खुल जाती हैं और उस ब्लॉग पर शुक्रिया अदा कर देते हैं कि आपने अच्छी जानकारी दी । पता नही ये इतने बड़े ब्लॉगर उस पोस्ट को पढ़ते भी हैं या नही और पढ़ते हैं तो क्या पढ़ते हैं. हमें जब ऐसे जानकारी से भरे मेल और ब्लॉग पाये हैं हरबार सच जानने की कोशिश की और हर बार पाया कि वो झूठ थे । खैर ...
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on Dec 1, 2008
at Monday, December 01, 2008
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