जहँ -जहँ चरण परे संतन के ....  

Posted by roushan in

हमारी सपा महासचिव अमर सिंह जी से कोई निजी खुन्नस नही है पर उनसे बच के रहने की आप सब को सलाहदेंगे
वजह?

हमारे गाँवों में किसी किसी का पैर बड़ा ख़तरनाक माना जाता हैलोग उनकी छाया से भी बचना चाहते हैं.
अगर आप इस पर भरोसा करते हैं तो यकीन मानिये आपको अमर सिंह से भी बच कर रहना चाहिएजहाँ जहाँअमर सिंह जी की नजर पड़ी है वहाँ वहाँ घने से घने रिश्तों में भी दरार पर गई है
गाँधी परिवार और बच्चन परिवार को ही लीजियेबच्चन परिवार पर अमर सिंह की कृपादृष्टि क्या हुई इन दोनोंपरिवारों में खटास पैदा हो गई.
चलिए इस एक उदाहरण को और कारणों से हुआ मान लेते हैं
अमर सिंह का सपा में महत्त्व क्या बढ़ा और मुलायम सिंह से नजदीकी क्या बढ़ी कि बेनी प्रसाद वर्मा जैसे पुरानेसाथी मुलायम और सपा को छोड़ कर चलते बनेयही हाल राजबब्बर का भी हुआसपा में अनेक लोग अमर सिंहका रोना रोते आज भी मिल जायेंगे
अनिल अंबानी और अमर सिंह में निकटता हुई और अंबानी बंधुओं में दरार पड़ गईऐसी दरार कि अंबानी समूहका विभाजन हो गया और अब उनमे कारपोरेट युद्ध छिड़ा हुआ हैसपा ने केन्द्र सरकार को समर्थन क्या दियामुकेश अंबानी को प्रधानमन्त्री के दरबार तक गुहार लगानी पड़ गई
ताजा किस्सा दत्त परिवार का है
संजय दत्त को लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार घोषित किया गया और अमर सिंह लगातार संजय दत्त केपक्ष में बोलते जा रहे हैंकल तक जो परिवार हमेशा संजय दत्त के साथ खडा रहता था उसमे दरार पड़ गई औरभाई बहन को एक दूसरे से बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेना पड़ रहा है
ऐसे में आप सबको सलाह है कि अमर सिंह नाम की किसी भी सहायता से बच कर रहें

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This entry was posted on Jan 15, 2009 at Thursday, January 15, 2009 and is filed under . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

10 comments

Anonymous  

बु्री नजर वाले अमर तेरा मुहं काला। नॉएडा में भी गए थे बलात्कारियों का समर्थन करने, जनता ने भाव नही दिया तो वापस आ गए|

January 15, 2009 at 6:52:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

अमिताभ को नाराज करोगे यार .उनके बडके भैय्या है ....उनकी फोन की सी डी नही आयी वरना असली चरित्र सामने आ जाता

January 15, 2009 at 7:38:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

साधू साधू

January 15, 2009 at 7:41:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

कोई और घर बतायेइगा इनको .
कहेते है की डायन भी एक घर छोड़ देती है. पर इन्होने तो ......

January 16, 2009 at 11:06:00 AM GMT+5:30
Anonymous  

kuchh logon ko aise hi majaa aati hai amarsingh usme se hain
sanjai dutt abhi clear nahihai ki use chunaav ladna hai ya nahi par amar singh unki taraf se gole daage jaa rahe hain

January 16, 2009 at 4:09:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

आपने हमारे ब्लॉग पर 'हड़काई' का मतलब पूछा है :

हड़काई का मतलब है किसी बडे द्वारा अपने से छोटे को डाँटना !

January 19, 2009 at 11:16:00 AM GMT+5:30
Anonymous  

मतलब बताने के लिए धन्यवाद

January 19, 2009 at 11:37:00 AM GMT+5:30
Anonymous  

सुंदर लेख. बेहतरीन ब्लॉग. मेरे ब्लॉग पर टिप्पणी का धन्यवाद

http://delhiwithavinash.blogspot.com/

January 19, 2009 at 6:50:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

आप 'अवध-प्रवास ' पै प्रवास किहेओ ,बड़ा नीक लाग | हम आप औ अनुराग दुईनो जने का ' अवध-प्रवास ' पै लिखे कै बुलउआ दीए हैं , आवा आपन मनउ कामना पूरन करा ,बस एकरा कै खियाल रखा की रजनीत मा कोई कै पच्छ नाही लेकई बा ,जे अच्छा करे ओकरा कै साबस जे ग़लत करै ओकरा का ' धै तेरे - लै तेरे ' पनै मरजादा मा राहिके ,काहेकि आपन छेतरे 'राम जी ' कै थाती आए ,जेकरा का ' मरजादा पुरुखोतम 'कहा जात बाटे | अब तौ राम जुहार होतै रहिए |

January 19, 2009 at 9:10:00 PM GMT+5:30
Anonymous  

काश ये लेख वो लोग भी पढ़ लें जो अमर जी को बड़े भइया बनाने की कतार में हैं॥ मुझे तो लगा था ये लेटेस्ट ट्रेंड बन गया है!!

January 22, 2009 at 9:00:00 PM GMT+5:30

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