2008 के लिए शुभकामनाएँ  

Posted by roushan in

नया वर्ष शुरू होने के बाद आज पहली बार ऑनलाइन आने का मौक़ा मिला तो फिर मेरे लिए ये 2008 का पहला ही दिन है. तो फिर आप सब को 2008 के लिए शुभकामनाएँ। नया साल मनाने के बारे में अक्सर ढेर सारी बातें कही-सुनी जाती हैं. अक्सर कुछ मित्र ज़ोर देते हैं कि 1 जनवरी को नया साल नही मानना चाहिए बल्कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नव वर्ष मानना चाहिए और मनाना चाहिए. उनकी बातें तर्क रखती हैं और सोचने को मजबूर करती हैं कि हम ग्रेगेरियन कैलेंडर को अपने राष्ट्र के शक कैलेंडर से ज़्यादा महत्व क्यों देते हैं. कई लोग शक कैलेंडर और विक्रमी संवत को कई बार एक ही समझ लेते हैं फ़िलहाल इधर के कुछ वर्षों मे विक्रमी नव वर्ष पर भी बधाई संदेशों के आदान-प्रदान का सिलसिला बढ़ा है. समाजशास्त्रीय विचारक इसे परंपरा का आधुनिकीकरण कहते हैं.
मै अक्सर सोचता हूँ कि हमारे लिए वास्तव में नव वर्ष तो एक अप्रैल को शुरू होता है जब नया बजट, नया वित्तीय वर्ष आदि शुरू होता है, आख़िर वित्त ही तो कुंजी है जीवन की. वित्त और मूर्खता मे कुछ तो संबंध है आख़िर मूर्ख दिवस भी एक अप्रैल ही है.
एक अप्रैल को विशेष दिन मानने के मेरे मोह का एक कारण उस दिन का मेरा जन्मदिन होना भी है.
मुझे याद है कि कुछ वर्ष पहले हम लोगो मे कितना उत्साह हुआ करता था नये साल को ले कर. ढेर सारे बधाई पत्र ख़रीदे जाते और तरह तरह के संदेश लिखने मे मेहनत की जाती और प्रियजनों को वो पत्र डाक से भेजे जाते. मेरे साथ एक परेशानी हमेशा रही है की मै पत्र ख़रीदता उनको रंगता और फिर भेजना भूल जाता. इंटरनेट और मोबाइल फोन के ज़माने के आने के बाद से वो परेशानी बंद हो गयी पर अब भी बधाई पत्र देख कर जी ललचाता है. उन्हे देखना अच्छा लगता है.
याद नही आता की पिछली बार मुझे बधाई पत्र कब मिला था.
लोग नये साल पर अपने लिए कुछ लक्ष्य तय करते हैं।

मैंने क्या तय किया?
काश मै अपने कार्यों में निरंतरता रख पाता!
कई सालों से कई मौक़ों से यही लक्ष्य है जो मै रखता हूँ और पूरा नही कर पाता
देखतें हैं इसबार !

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This entry was posted on Jan 3, 2008 at Thursday, January 03, 2008 and is filed under . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

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